व्यवस्थापन (Regulations).

महाविद्यालय में प्रवेश लेने के पश्चात् सामान्य नियम :

  1. महाविद्यालयीन कार्यक्रमों में नियमित रूप से अपनी उपस्थिति देना अनवार्य है।
  2. महाविद्यालय द्वारा निर्धारित गणवेश में कार्यक्रमों में उपस्थित होना आवश्यक है।
  3. छात्र-छात्राऐं अपने वाहन निर्धारित स्थान पर ही रखें। अपने वाहन की सुरक्षा प्रशिक्षार्थियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।
  4. महाविद्यालय की स्वच्छता को भंग करना दंडनीय है।
  5. कार्यालय में बिना किसी आवश्यक कार्य के न जावें। कार्यालय में प्रवेश के पूर्व मूख्य लिपिक की अनुमति प्राप्त करना आवश्यक हैं।
  6. प्रशिक्षार्थियों प्रतिदिन महत्वपूर्ण निर्देश सूचनापट पर प्राप्त कर लेवें।
  7. शिक्षार्थियों के व्यवहार में विनयशीलता, शालीनता, आज्ञाकारिता, का पालन अति आवष्यक है।
  8. सत्र आरंभ होने पर प्रशिक्षर्थियों के साक्षत्कार के अवसर पर प्रत्येक प्रशिक्षार्थियों के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं की जानकारी एकत्रित की जावेगी।
  9. प्रशिक्षण की अवधि में किसी भी छात्र को कहीं और सेवा में संलग्न होने की अनुमति नहीं दी जावेगी। इसके उपरांत संलग्न पाये जाने पर संबंधित प्रशिक्षार्थियों का प्रवेष निरस्त कर दिया जावेगा।
  10. दीर्घकालीन, अनुपस्थिति, अनियमित, विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने में शिथिलता, प्रशिक्षण में असंतोषजनक प्रगति एवं अन्य प्रकार की अनुशासनहीनता पाये जाने पर महाविद्यालयीन प्रवेश निरस्त किया जा सकता है।
  11. शिक्षा संहिता के अध्याय 18 में निहित नियम 168(04) के अंतर्गत यदि प्रशिक्षार्थियों की प्रगति और आचरण असंतोषजनक पाया गया तो ऐसे प्रशिक्षार्थियों को चेतावनी देकर संस्था से अलग कर दिया जायेगा। इस संबंध में प्राचार्य का निर्णय अंतिम हेागा।

उपस्थिति एवं अवकाश :

  1. छात्राध्यायपकों की उपस्थिति प्रत्येक विषय की कक्षा में नियमित रूप से होनी चाहिए। जिन छात्राध्यापकों की उपस्थिति किसी भी विषय की कक्षा में 75% से कम होगी, उन्हें महाविद्यालय द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार परीक्षा में सम्मिलित नहीं होने दिया जावेगा।
  2. उपस्थिति प्रत्येक कालखंड में ली जावेगी। जो विद्यार्थी के किसी कारण से अनुपस्थित रहता है। उसको संबंधित प्राध्यापक को सूचना के साथ प्राचार्य से अनुमति प्राप्त करनी होगी।
  3. बिना पूर्व सूचना दियें एवं पर्याप्त बिना कारण बतायें लगातार एक सप्ताह अनुपस्थित रहने पर महाविद्यालय से नाम रिस्त कर दिया जायेगा और पुनर्प्रवेश की स्थिति में छात्राध्यापक को रू 1000.00 पुनर्प्रवेश शल्क देना होगा।